Retired employees reaching out for pension; Not getting record, departmental DDO upset

विभागीय डीडीओ परेशान हुए,पेंशन के लिए पहुंच रहे सेवानिवृत्त कर्मचारियों का नही मिल रहा रिकॉर्ड

Retired employees reaching out for pension; Not getting record, departmental DDO upset

Retired employees reaching out for pension; Not getting record, departmental DDO upset

शिमला:पुरानी पेंशन का लाभ प्राप्त करने के लिए सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी भी अपने-अपने विभागीय डीडीओ यानी ड्राइंग एंड डिसबर्सिंग ऑफिसर के पास पहुंच रहे हैं। सेवानिवृत होने के बाद मामूली पेंशन प्राप्त कर रहा प्रत्येक सेवानिवृत कर्मचारी चाहता है कि उसे न्यूनतम नौ हजार मासिक पेंशन तो अवश्य प्राप्त हो।

विभागीय डीडीओ परेशान हो चुके हैं कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों का कोई रिकॉर्ड नहीं मिल रहा है। इसके पीछे कारण है कि एनपीएस के प्रावधान अनुसार सेवानिवृत्त होने पर कर्मचारियों ने साठ फीसदी धनराशि नकद प्राप्त कर ली है। उसके बाद शेष चालीस फीसदी धनराशि पेंशन फंड का हिस्सा बन चुकी है। पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) में शेष धनराशि रहने के बाद सेवानिवृत्त कर्मचारियों का रिकॉर्ड साइट पर दिखाई नहीं दे रहा है।

यदि किसी प्रकार से साइट ट्रेस होती है तो कर्मचारियों का खाता खाली दिखाई दे रहा है। ऐसे में सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए पेंशन की गणना विभागीय डीडीओ के लिए परेशानी का कारण बन रहा है। सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी कार्यालय पहुंचकर डीडीओ से पेंशन बनाने के लिए लगातार पहुंच रहे हैं।

साठ दिनों के भीतर ओपीएस विकल्प देना होगा

वित्त विभाग की ओर से 4 मई को पुरानी पेंशन योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए सरकार ने कर्मचारियों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया अधिसूचित की थी। जिसके तहत 1.36 लाख एनपीएस कर्मचारियों को दो माह के भीतर पुरानी पेंशन योजना या फिर नई पेंशन योजना में से एक विकल्प देना है। अभी तक बीस हजार कर्मचारियों ने पेंशन संबंधी विकल्प दिया है।

वित्त विभाग ने कोषागार को बाहर रखा

इस बार वित्त विभाग ने जिला और राज्य कोषागार को कर्मचारियों से संबंधित जारी हुई अधिसूचना से बाहर रखा है। ऐसे में जिला कोषागार अधिकारी कर्मचारियों के खाता संबंधी जानकारी देने में असमर्थता जाहिर कर रहे हैं। यदि पुरानी पेंशन योजना का लाभ सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारियों को पहुंचाना है तो वित्त विभाग को कोषागार को समूची प्रक्रिया में शामिल करना पड़ेगा।